
"आत्मा की भावना के बिना, हमें इतिहास की कोई समझ नहीं है... इतिहास पहले कहानी है और बाद में तथ्य।"
-जेम्स हिलमैन, सेनेक्स और पुएर, 29
Image courtesy of Tyler Miles-Lockett

- प्रौद्योगिकी और मानव होना: स्वदेशी और गैर-औपनिवेशिक ज्ञान-मीमांसा का निर्माणसदस्यता ऑफरमंगल, 02 दिस॰
आईएसएम का फोकस और उद्देश्य
इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ माइथोलॉजी (आईएसएम) विभिन्न संस्कृतियों से पौराणिक कथाओं की एक मजबूत समझ को बढ़ावा देता है, बढ़ावा देता है और प्रोत्साहित करता है। हम पौराणिक अध्ययनों के बारे में संवाद, विद्वत्तापूर्ण शोध और ज्ञान का प्रसार करते हैं और पौराणिक कथाओं और मानव सभ्यता पर इसके प्रभाव के बारे में हमारी सामूहिक समझ की सीमाओं को आगे बढ़ाते हैं।
इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ माइथोलॉजी (आईएसएम) हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत को समझने के लिए वैश्विक जुनून को प्रज्वलित करती है, मानव सभ्यता पर पौराणिक कथाओं के गहन प्रभाव की खोज करने के लिए पेशेवरों और छात्रों को एकजुट करती है और हमारे पूर्वजों की कथाओं की सार्वभौमिक भाषा को समझने के लिए अभूतपूर्व अनुसंधान को आगे बढ़ाती है।
इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ माइथोलॉजी (आईएसएम) का उद्देश्य दुनिया भर की विभिन्न संस्कृतियों की पौराणिक कथाओं की मजबूत समझ को बढ़ावा देना, बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना है। हम पौराणिक अध्ययनों से संबंधित संवाद, विद्वत्तापूर्ण शोध और ज्ञान के प्रसार को सुविधाजनक बनाते हैं। हमारा उद्देश्य एक ऐसा समुदाय बनाना है जहाँ पेशेवर, छात्र और उत्साही लोग सार्थक चर्चाओं में एक-दूसरे से जुड़ सकें, शोध निष्कर्षों को साझा कर सकें और पौराणिक कथाओं और मानव सभ्यता पर इसके गहन प्रभाव की हमारी सामूहिक समझ की सीमाओं को लगातार आगे बढ़ा सकें।